
क्या आप जानते हैं कि आजकल बहुत सी लड़कियाँ और महिलाएँ पढ़ाई या नौकरी के लिए अपने घर से दूर अलग-अलग शहरों में जाती हैं? ऐसे में उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है एक सुरक्षित और अच्छे घर की तलाश। इसी महत्वपूर्ण जरूरत को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने एक बहुत अच्छी योजना शुरू की है, जिसका नाम है “Government Working Women Hostel Scheme” यानी “सरकारी कामकाजी महिला छात्रावास योजना”। इस योजना का मुख्य लक्ष्य है – देश भर में कामकाजी महिलाओं और उनके छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित छात्रावास (हॉस्टल) बनवाना। इन हॉस्टलों में न सिर्फ रहने की अच्छी व्यवस्था है, बल्कि अगर किसी महिला का छोटा बच्चा है, तो उसकी देखभाल के लिए डे-केयर की सुविधा भी मौजूद है।
What is the Government Working Women Hostel Scheme? (वर्किंग वुमन हॉस्टल स्कीम क्या है?)
सोचिए, अगर किसी लड़की या महिला को नौकरी या ट्रेनिंग के लिए अपने शहर से दूर जाना पड़े, तो सबसे बड़ी चिंता क्या होती है? एक सुरक्षित और अच्छी जगह पर रहने की। इसी चिंता का हल है “Government Working Women Hostel Scheme“।
- यह क्या है?
यह भारत सरकार की एक बहुत अच्छी योजना है। इस योजना के तहत सरकार देश के अलग-अलग शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए सस्ते और सुरक्षित हॉस्टल बनवाती है। - इसका मकसद क्या है?
इसका मुख्य मकसद है कि जो महिलाएं पढ़ाई या नौकरी के सिलसिले में अपने घर से दूर अकेले रहती हैं, उन्हें एक “होम-अवे फ्रॉम होम” (घर जैसा महसूस होने वाला घर) मिल सके। यहाँ उन्हें रहने की जगह के साथ-साथ कई जरूरी सुविधाएं भी मिलती हैं। - सबसे खास बात क्या है?
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि अगर किसी कामकाजी माँ के छोटे बच्चे हैं, तो हॉस्टल में ही डे-केयर सेंटर (दिन में बच्चों की देखभाल की व्यवस्था) भी होता है। इससे माँ बिना किसी टेंशन के अपना काम कर पाती है।
Benefits and Features of Government Working Women Hostel Scheme (योजना के लाभ और विशेषताएँ)
वर्किंग वुमन हॉस्टल स्कीम कामकाजी महिलाओं के लिए एक सुरक्षित “होम-अवे फ्रॉम होम” (घर से दूर घर) बनाने के लिए बनाई गई है। आइए जानते हैं इसके खास लाभ और विशेषताएँ:
- पूरी सेफ्टी और सुरक्षा (Safety and Security)
- ये हॉस्टल पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं।
- इनमें अच्छी सिक्योरिटी का इंतज़ाम होता है, ताकि महिलाएँ बिना किसी डर के रह सकें।
- ऑफिस के पास रहने की सुविधा (Location Convenience)
- इन हॉस्टलों को ऐसी जगहों पर बनाया जाता है जहाँ से ऑफिस, फैक्ट्री या काम की जगह आसानी से पहुँचा जा सके।
- इससे उनका कीमती समय और पैसा, लंबा सफर तय करने में बर्बाद नहीं होता।
- छोटे बच्चों के साथ रह सकती हैं माँएँ (Stay with Children)
- यह योजना की सबसे अच्छी बातों में से एक है।
- अगर किसी महिला के छोटे बच्चे हैं, तो वह उन्हें अपने साथ रख सकती है।
- 5 साल तक के लड़के और 18 साल तक की लड़कियाँ अपनी माँ के साथ हॉस्टल में रह सकते हैं।
- बच्चों के लिए डे केयर (Daycare for Kids)
- जब माँ काम पर जाती है, तो उसके बच्चे की देखभाल कौन करेगा? इसका भी इंतज़ाम है!
- ज़्यादातर हॉस्टलों में डे केयर सेंटर होते हैं, जहाँ बच्चों की अच्छे से देखभाल की जाती है।
- सबके लिए खुला दरवाज़ा (For All Women)
- यह योजना सभी तरह की कामकाजी महिलाओं के लिए है – चाहे वह शादीशुदा हों, अविवाहित हों, विधवा हों या तलाकशुदा हों।
- इसका लाभ हर महिला, हर धर्म और जाति से जुड़ी महिला उठा सकती है।
- विकलांग महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था (Special Provision for Disabled Women)
- इन हॉस्टलों में शारीरिक रूप से अक्षम (दिव्यांग) महिलाओं के लिए कुछ सीटें रिज़र्व होती हैं, ताकि उन्हें भी आवास मिल सके।
- कम किराया (Affordable Rent)
- इन हॉस्टलों का किराया बाजार के मुकाबले काफी कम रखा गया है ताकि हर कोई इसे आसानी से अफ़ोर्ड कर सके।
- किराए की रकम महिला की सैलरी के एक छोटे हिस्से के रूप में तय की जाती है।
- ज़रूरी सुविधाएँ उपलब्ध (All Basic Amenities)
- हॉस्टल में रहने के लिए ज़रूरी सभी चीज़ें मौजूद होती हैं, जैसे:
- अच्छे कमरे और बिस्तर
- शुद्ध पीने का पानी और बिजली
- भोजन की व्यवस्था (मेस)
- कपड़े धोने की जगह

Eligibility Criteria for Government Working Women Hostel Scheme (पात्रता मानदंड)
आइए जानते हैं कि वर्किंग वुमन हॉस्टल स्कीम का लाभ कौन-कौन सी महिलाएं उठा सकती हैं:
- काम करने वाली सभी महिलाएं:
- यह योजना हर उस महिला के लिए है जो नौकरी करती है या प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) ले रही है।
- इसमें अविवाहित, विवाहित, विधवा, या तलाकशुदा सभी महिलाएं आवेदन कर सकती हैं।
- वे महिलाएं जिनके पति उसी शहर में नहीं रहते:
- अगर किसी महिला की शादी हो चुकी है, लेकिन उसके पति उस शहर में नहीं रहते जहाँ वह काम करती है, तो वह भी हॉस्टल में रह सकती है।
- प्रशिक्षण लेने वाली महिलाएं:
- जो लड़कियाँ या महिलाएं किसी नौकरी के लिए प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) ले रही हैं, वे भी हॉस्टल में रह सकती हैं।
- शर्त: उनका प्रशिक्षण एक साल से ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए।
- माएं अपने छोटे बच्चों के साथ:
- अगर कामकाजी महिला के छोटे बच्चे हैं, तो वह उन्हें अपने साथ हॉस्टल में रख सकती है।
- बच्चों के लिए नियम:
- लड़की बच्चे: 18 साल तक की उम्र तक।
- लड़का बच्चे: 5 साल तक की उम्र तक।
- आय (इनकम) की सीमा:
- हॉस्टल में रहने के लिए महिला की महीने की आय एक निश्चित सीमा से कम होनी चाहिए।
- बड़े शहर (मेट्रो): महीने की आय ₹50,000 से कम होनी चाहिए।
- दूसरे शहर: महीने की आय ₹35,000 से कम होनी चाहिए।
- विशेष प्राथमिकता:
- गरीब परिवारों की महिलाओं, दिव्यांग महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों की महिलाओं को इस योजना में पहले प्राथमिकता दी जाती है।
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Rent and Duration of Stay (किराया और ठहरने की अवधि)
आइए अब समझते हैं कि Government Working Women Hostel Scheme के तहत हॉस्टल में रहने का किराया कितना होगा और आप कितने समय तक रह सकती हैं।
किराया कितना लगेगा? (What will be the rent?)
इस योजना में किराया आपकी सैलरी के हिसाब से तय होता है। यह बहुत ही कम और सहनीय है:
- अगर आपको सिंगल बेडरूम मिलता है: तो आपको अपनी कुल सैलरी का सिर्फ 15% किराये के तौर पर देना होगा।
- अगर आप डबल बेडरूम शेयर कर रही हैं: तो आपकी सैलरी का सिर्फ 10% ही किराया होगा।
- अगर आप डॉर्मिटरी (साझा कमरा) में रहती हैं: तो यह और भी सस्ता होगा। आपकी सैलरी का सिर्फ 7.5% ही किराया लगेगा।
- अगर आप बच्चे के साथ हैं: डे केयर (बच्चे की देखभाल) का खर्च आपकी सैलरी का सिर्फ 5% या उसका असली खर्च, इनमें से जो भी कम हो, वही आपको देना होगा।
How to Apply for Government Working Women Hostel Scheme (आवेदन कैसे करें?)
कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित और सस्ते आवास की यह स्कीम एक बेहतरीन पहल है। अगर आप इसका लाभ उठाना चाहती हैं, तो आवेदन प्रक्रिया को समझना जरूरी है। चलिए, इसे आसान चरणों में समझते हैं।
चरण 1: ढूंढें अपने इलाके का हॉस्टल (Find a Hostel)
- ऑनलाइन खोज करें: गूगल पर सर्च करें – “[आपके शहर का नाम] Government Working Women Hostel“। (उदाहरण: “दिल्ली Government Working Women Hostel” या “जयपुर वर्किंग वुमन हॉस्टल”)
- सरकारी वेबसाइट चेक करें: अपने राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग या समाज कल्याण विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं। अक्सर वहां हॉस्टल्स की लिस्ट और उनके पते/फोन नंबर दिए होते हैं।
- स्थानीय जानकारी: आप क्षेत्र के महिला थाना, स्थानीय नेता के कार्यालय या अन्य कामकाजी महिलाओं से भी पूछ सकती हैं।
चरण 2: संपर्क करें और जानकारी लें (Contact and Inquire)
एक बार हॉस्टल का पता लगने के बाद:
- फोन करें: उनके फोन नंबर पर कॉल करके पूछें कि क्या नई सीट खाली है।
- जरूरी दस्तावेज पूछें: उनसे आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट ले लें। आमतौर पर इनमें ये चीजें शामिल होती हैं:
- पहचान पत्र (आधार कार्ड)
- नौकरी/प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र
- सैलरी स्लिप (वेतन पर्ची)
- पासपोर्ट साइज फोटो
चरण 3: फॉर्म भरें और जमा करें (Fill and Submit Form)
- हॉस्टल से आवेदन फॉर्म लें (ऑनलाइन या ऑफलाइन)।
- सारी जानकारी ध्यान से और सही-सही भरें।
- सभी जरूरी दस्तावेजों की कॉपी फॉर्म के साथ अटैच कर दें।
चरण 4: सीट की पुष्टि (Seat Allotment)
- हॉस्टल प्रबंधन आपका आवेदन चेक करेगा।
- अगर आप सभी शर्तों (जैसे आय सीमा) पर खरी उतरती हैं और सीट खाली है, तो आपको सीट आवंटित कर दी जाएगी।
- आपको एक अलॉटमेंट लेटर (आवंटन पत्र) मिल सकता है।
चरण 5: किराया दें और रहना शुरू करें (Pay Rent and Move In)
- हॉस्टल के नियमों के अनुसार किराया और सिक्योरिटी (अगर लगती है) जमा करें।
- इसके बाद, आप हॉस्टल में रहना शुरू कर सकती हैं।

FAQs for Government Working Women Hostel Scheme (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
- प्रश्न: वर्किंग वुमन हॉस्टल स्कीम क्या है? (What is the Working Women Hostel Scheme?)
उत्तर:Government Working Women Hostel Scheme भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक पहल है। इसका मुख्य उद्देश्य शहरी, अर्ध-शहरी और यहाँ तक कि ग्रामीण क्षेत्रों में कामकाजी महिलाओं को उनके बच्चों के लिए डे-केयर सुविधा के साथ सुरक्षित और सस्ता आवास उपलब्ध कराना है। यह योजना विभिन्न संगठनों को हॉस्टल बनाने या विस्तार करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। - प्रश्न: वर्किंग वुमन हॉस्टल स्कीम के लिए पात्रता क्या है? (What is the eligibility for the Working Women Hostel Scheme?)
उत्तर:इस योजना के लिए मुख्य पात्रता इस प्रकार है:
- लाभार्थी: सभी कामकाजी महिलाएं (अविवाहित, विवाहित, विधवा, तलाकशुदा, अलग-अलग रह रही), और ऐसी महिलाएं जो नौकरी के लिए प्रशिक्षण (एक वर्ष तक) ले रही हैं।
- आय सीमा: महानगरों (मेट्रो शहर) में काम करने वाली महिलाओं की मासिक सकल आय ₹50,000 और अन्य शहरों में ₹35,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- बच्चे: 18 वर्ष तक की बेटियाँ और 5 वर्ष तक के बेटे अपनी माँ के साथ हॉस्टल में रह सकते हैं।
- प्रश्न: वर्किंग वुमन हॉस्टल में आवेदन कैसे करें? (How to apply for a Working Women Hostel?)
उत्तर:व्यक्तिगत रूप से महिलाएं सीधे सरकार से आवेदन नहीं कर सकतीं। आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार है:
- सबसे पहले अपने शहर में मौजूद वर्किंग वुमन हॉस्टल की सूची ऑनलाइन खोजें।
- सीधे उस हॉस्टल को चलाने वाले संगठन से संपर्क करें।
- वहाँ सीट की उपलब्धता और उनकी आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानकारी लें। आवश्यक दस्तावेज जमा करके फॉर्म भरना होता है।
- प्रश्न: वर्किंग वुमन हॉस्टल का किराया कितना है? (What is the rent in a Working Women Hostel?)
उत्तर:किराया महिला के वेतन के एक निश्चित प्रतिशत के रूप में तय किया जाता है ताकि यह सस्ता बना रहे।
- सिंगल बेडरूम: कुल वेतन का 15% से अधिक नहीं।
- डबल शेयरिंग बेडरूम: कुल वेतन का 10% से अधिक नहीं।
- डॉर्मिटरी बेड: कुल वेतन का 7.5% से अधिक नहीं।
- डे-केयर शुल्क: माँ के वेतन का 5% या वास्तविक लागत, इनमें से जो भी कम हो।
- प्रश्न: क्या प्रशिक्षण ले रही महिलाएं इस योजना का लाभ ले सकती हैं? (Can women undergoing training avail this scheme?)
उत्तर:हाँ, नौकरी के लिए प्रशिक्षण ले रही महिलाएं (जिनका प्रशिक्षण एक वर्ष से अधिक का नहीं है) इस योजना का लाभ ले सकती हैं। हालाँकि, एक हॉस्टल में प्रशिक्षुओं के लिए केवल 30% सीटें ही आरक्षित की जा सकती हैं। - प्रश्न: वर्किंग वुमन हॉस्टल में रहने की अधिकतम अवधि क्या है? (What is the maximum duration of stay in a Working Women Hostel?)
उत्तर:कोई भी महिला इस योजना के तहत अधिकतम 3 वर्ष तक हॉस्टल में रह सकती है। विशेष परिस्थितियों में, जिला प्रशासन की मंजूरी से इसे अधिकतम 5 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। - प्रश्न: क्या इस योजना में बच्चों के लिए कोई सुविधा है? (Is there any facility for children in this scheme?)
उत्तर:जी हाँ, यह योजना की एक प्रमुख विशेषता है। इन हॉस्टलों में कामकाजी माताओं के छोटे बच्चों (5 साल तक के लड़के और 18 साल तक की लड़कियां) के लिए डे-केयर सुविधा उपलब्ध कराना अनिवार्य है, ताकि माताएं निश्चिंत होकर काम पर जा सकें।
Conclusion (निष्कर्ष)
अगर आप एक कामकाजी महिला हैं या कोई ट्रेनिंग ले रही हैं, और अपने शहर से दूर रहती हैं, तो Government Working Women Hostel Scheme आपके लिए एक सुरक्षित घर की तरह है। यह स्कीम आपको सिर्फ एक कमरा ही नहीं देती, बल्कि आपको आत्मनिर्भर बनने की राह में एक मजबूत सहारा भी देती है। यह योजना देश की हर उस महिला के सपनों को पंख देने का काम कर रही है, जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है।