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Software Technology Park (STP) Scheme

Software Technology Park (STP) Scheme
Software Technology Park (STP) Scheme

सोचिए कि आपकी एक कंपनी है जो सॉफ्टवेयर या आईटी सेवाएं बनाती है और आप उन्हें अमेरिका, यूरोप जैसे दूसरे देशों को बेचना (निर्यात) चाहते हैं। भारत सरकार ने आपकी मदद के लिए एक खास योजना बनाई है, जिसका नाम है Software Technology Park (STP) Scheme। इस योजना का मुख्य लक्ष्य भारत की सॉफ्टवेयर कंपनियों को दुनिया में निर्यात बढ़ाने में मदद करना है। इसके तहत, अगर आपकी कंपनी इस योजना में शामिल हो जाती है, तो आपको बहुत सारे फायदे मिलते हैं। साथ ही, सरकार आपको एक जगह पर ही सभी जरूरी अनुमतियां दे देती है, ताकि आपका ध्यान सिर्फ अपने बिजनेस पर रहे।

What is Software Technology Parks Scheme (सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क योजना क्या है)

सोचो, अगर तुम्हारे पास कोई बहुत अच्छा गेम बनाने का आइडिया है या तुम कोई नई ऐप बनाना चाहते हो, लेकिन तुम्हारे पास जरूरी कंप्यूटर या सॉफ्टवेयर नहीं है। भारत सरकार ने ठीक इसी तरह की परेशानी को दूर करने के लिए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (STP) योजना बनाई है।

इसे एक विशेष क्षेत्र समझो, जहाँ सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनियों और लोगों को कई सारी सुविधाएँ दी जाती हैं, ताकि वे दुनिया के दूसरे देशों के लिए आसानी से सॉफ्टवेयर बना सकें और बेच सकें।

  1. विशेष इलाका: STP योजना के अंतर्गत पूरे देश में कई स्थानों पर विशेष पार्क बनाए गए हैं। इन्हें STPI (सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया) कहते हैं। ये ऑफिस का एक बड़ा कैंपस जैसे होते हैं, जहाँ सॉफ्टवेयर बनाने वाली बहुत-सी कंपनियाँ एक साथ काम करती हैं।
  2. सरकार की मदद: जो कोई भी इस योजना के तहत अपनी कंपनी या इकाई बनाता है, उसे सरकार की तरफ से कई तरह की मदद मिलती है।

Key Benefits and Features of the STP Scheme (STP स्कीम के प्रमुख लाभ और विशेषताएं)

Software Technology Park (STP) Scheme भारत सरकार की एक शानदार योजना है जो IT कंपनियों और सॉफ्टवेयर बनाने वालों की मदद करती है। आइए जानते हैं इसके आसान शब्दों में मुख्य लाभ:

  1. टैक्स में छूट (Tax Benefits)
  • STP स्कीम में पंजीकृत इकाइयों को एक निश्चित समय के लिए आयकर से पूरी तरह छूट मिलती है।
  • यह छूट नई कंपनियों को अपने पैरों पर खड़े होने में बहुत मदद करती है।
  1. आयात पर छूट (Duty Free Imports)
  • सॉफ्टवेयर बनाने के लिए जरूरी कंप्यूटर, स्पेशल मशीनें और सॉफ्टवेयर बाहर से मंगाने पर कोई भी कस्टम ड्यूटी (import duty) नहीं लगती।
  • इससे कंपनियों को अपना काम शुरू करना आसान और सस्ता हो जाता है।
  1. सिंगल विंडो सिस्टम (Single Window Clearance)
  • सरकारी कामकाज और अनुमति लेना बहुत आसान हो गया है।
  • कंपनियों को हर विभाग में अलग-अलग भटकने की जरूरत नहीं है, STPI एक ही जगह पर सभी मंजूरियां दे देता है।
  1. 100% विदेशी निवेश (100% Foreign Investment)
  • विदेश से कोई भी कंपनी या निवेशक भारत में STP के तहत अपना पूरा पैसा लगा सकता है।
  • इससे देश में विदेशी पैसा आता है और और ज्यादा रोजगार पैदा होते हैं।
  1. देश के अंदर भी बिक्री की अनुमति (Permission to Sell in Domestic Market)
  • जो कंपनियां सॉफ्टवेयर विदेश भेजती (export) हैं, उन्हें अपने कुछ सामान को भारत के अंदरूनी बाजार (Domestic Tariff Area) में बेचने की भी इजाजत है।
  • इससे कंपनियों को दोहora मुनाफा होता है।
  1. काम करने की आजादी (Operational Freedom)
  • STP स्कीम की एक बड़ी खासियत यह है कि कंपनियों को अपना ऑफिस कहीं भी लगाने की आजादी है।
  • उन्हें किसी खास जगह पर बंधे रहने की जरूरत नहीं है।
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Eligibility for the STP Scheme (STP स्कीम के लिए पात्रता)

सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (STP) योजना मुख्य रूप से सॉफ्टवेयर बनाने या आईटी सेवाएं देने वाली कंपनियों के लिए है।

आइए इसे सरल तरीके से समझते हैं कि किस प्रकार के व्यवसाय इस योजना का लाभ उठा सकते हैं:

  1. आपका काम कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर से जुड़ा होना चाहिए।
    जैसे की:
  • सॉफ्टवेयर बनाना: गेम, ऐप, या किसी काम के लिए नया सॉफ्टवेयर विकसित करना।
  • आईटी सेवाएं देना: वेबसाइट बनाना, डेटा को सुरक्षित रखना (डेटा प्रोसेसिंग), किसी कंपनी के लिए आईटी सपोर्ट देना, या ग्राहक सेवा केंद्र (Call Center) चलाना।
  • कंप्यूटर से जुड़ी कोई भी अन्य तकनीकी सेवा।
  1. आपका लक्ष्य अपने उत्पाद या सेवाओं को विदेशों में बेचना होना चाहिए।
  1. आप किसी भी तरह की कंपनी हो सकते हैं।
  • चाहे आप एक छोटा स्टार्ट-अप हों, एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हों, या फिर पार्टनरशिप फर्म, सभी आवेदन कर सकते हैं।
  1. विदेशी निवेश की अनुमति है।
  • अगर कोई विदेशी कंपनी या निवेशक भारत में सॉफ्टवेयर का व्यवसाय शुरू करना चाहता है, तो वह भी इस योजना के तहत 100% निवेश कर सकता है।

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Application and Registration Process for the STP Scheme (STP स्कीम के लिए आवेदन और पंजीकरण प्रक्रिया)

अगर आपकी कंपनी सॉफ्टवेयर बनाती है या आईटी सेवाएं देती है, और आप दूसरे देशों में अपना सामान बेचना (निर्यात) चाहते हैं, तो सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (STP) योजना आपके लिए बहुत फायदेमंद है। इस योजना में आवेदन करना बहुत आसान है। आइए इसे सरल चरणों में समझते हैं।

चरण 1: फॉर्म भरना और जमा करना (Step 1: Fill and Submit the Form)

सबसे पहले, आपको एक आवेदन फॉर्म भरना होगा। यह फॉर्म आप सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (STPI) की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं। इस फॉर्म को भरकर आपको अपने इलाके के STPI कार्यालय में जमा करना होता है।

चरण 2: जरूरी कागजात इकट्ठा करना (Step 2: Gather the Required Documents)

फॉर्म के साथ आपको कुछ जरूरी कागजातों की कॉपी भी लगानी होती है। ये कागजात हैं:

  • आपकी कंपनी का पहचान पत्र: जैसे कंपनी के रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट।
  • आपकी योजना का विवरण: एक लिखित विवरण कि आप क्या सॉफ्टवेयर बनाएंगे या कौन-सी सेवा देंगे।
  • वित्तीय जानकारी: आपकी कंपनी के बैंक विवरण और पिछले साल के वित्तीय रिकॉर्ड (अगर applicable हों)।

चरण 3: मंजूरी पत्र मिलना (Step 3: Receive the Approval Letter)

जब आपका आवेदन और सारे कागजात STPI द्वारा जांचे जाते हैं और सब कुछ सही पाया जाता है, तो STPI आपकी कंपनी को एक “अनुमति पत्र” (Letter of Approval – LOA) देती है।

यह LOA ही आपकी कंपनी के लिए STP इकाई बनने का ऑफिशियल टिकट है! इस लेटर के मिलने के बाद आपकी कंपनी इस स्कीम के सभी फायदे ले सकती है।

Compliance Requirements for STP Units (STP इकाई की अनुपालन आवश्यकताएं)

एक STP इकाई बनने के बाद, कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है। इन्हें “अनुपालन आवश्यकताएं” कहते हैं। इन्हें समझना बहुत आसान है। आइए इन्हें सरल भाषा में जानते हैं।

  1. विदेशी मुद्रा का नियम (Net Foreign Exchange – NFE)
  • नियम क्या है? आपको जितनी विदेशी मुद्रा (जैसे डॉलर, यूरो) दूसरे देशों से सामान खरीदने में खर्च करनी है, उससे अधिक विदेशी मुद्रा निर्यात करके कमानी है
  • सरल शब्दों में: आप जो कमाएं, वह आपके खर्च से ज्यादा होना चाहिए।
  • उदाहरण: अगर आपने विदेश से सॉफ्टवेयर खरीदने के लिए $1000 खर्च किए, तो आपको अपने सॉफ्टवेयर के निर्यात से $1000 से अधिक कमाना होगा।
  1. समय-समय पर रिपोर्ट भेजना

सरकार को यह बताते रहना होता है कि आपका व्यवसाय कैसा चल रहा है। इसके लिए तीन तरह की रिपोर्ट देनी होती हैं:

  • सालाना रिपोर्ट (Annual Performance Report – APR):
    • क्या करना है? हर साल के अंत में, एक फॉर्म भरकर बताना होता है कि साल भर में आपने कितना निर्यात किया, कितना पैसा कमाया और क्या आपने NFE का नियम पूरा किया।
    • यह ऐसे है जैसे: स्कूल में साल के अंत में दिया जाने वाला “एनुअल रिजल्ट”।
  • तिमाही रिपोर्ट (Quarterly Progress Report – QPR):
    • क्या करना है? हर तीन महीने में एक छोटी रिपोर्ट देनी होती है, जिसमें बताया जाता है कि उस तिमाही में निर्यात कितना हुआ।
    • यह ऐसे है जैसे: स्कूल में हर तीन महीने के बाद दिए जाने वाले “प्रोग्रेस रिपोर्ट कार्ड”।
  • SOFTEX फॉर्म:
    • क्या करना है? जब भी आप कोई सॉफ्टवेयर विदेश बेचते हैं, तो इस विशेष फॉर्म को भरना जरूरी होता है। यह फॉर्म साबित करता है कि आपने सॉफ्टवेयर निर्यात किया है।
    • यह ऐसे है जैसे: किसी चीज को डाक से भेजते समय उसका “रसीद फॉर्म” भरना, जो यह साबित करे कि पार्सल भेजा गया है।
  1. विदेश से कमाया पैसा वापस लाना (Repatriation of Export Earnings)
  • नियम क्या है? विदेशी ग्राहकों से कमाया गया पैसा 6 महीने के अंदर भारत लाना जरूरी होता है।
  • सरल शब्दों में: अगर आपने कोई सामान विदेश बेचा और पैसा मिला, तो उसे छह महीने में भारत के बैंक खाते में लाना होगा।
  • इसका फायदा: इससे देश में विदेशी मुद्रा आती है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।
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FAQs for Software Technology Park (STP) Scheme (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1: Software Technology Park (STP) Scheme क्या है?
A1: Software Technology Park (STP) Scheme भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत Software Technology Parks of India (STPI) द्वारा संचालित एक निर्यात-उन्मुख पहल है। इसका प्राथमिक उद्देश्य भारत से सॉफ्टवेयर और आईटी-सक्षम सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देना है। यह योजना पंजीकृत इकाइयों को कर लाभ, ड्यूटी-फ्री इम्पोर्ट और सिंगल-विंडो क्लीयरेंस जैसे लाभ प्रदान करती है।

Q2: STP योजना के मुख्य लाभ क्या हैं?
A2: STP योजना के प्रमुख लाभों में शामिल हैं:

  • वित्तीय लाभ: हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के ड्यूटी-फ्री इम्पोर्ट की सुविधा।
  • ऑपरेशनल लचीलापन: 100% विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की अनुमति और भारत में कहीं भी इकाई स्थापित करने की स्वतंत्रता।
  • सिंगल-विंडो क्लीयरेंस: STPI के माध्यम से सभी आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त करना।
  • विदेशी मुद्रा प्रबंधन: लाभांश और रॉयल्टी का आसान repatriation।

Q3: क्या STP योजना के तहत आयकर छूट अभी भी मिलती है?
A3: नहीं, STP योजना के तहत आयकर अधिनियम की धारा 10A/10B के अंतर्गत मिलने वाली आयकर छूट की सुविधा नई इकाइयों के लिए अब उपलब्ध नहीं है। हालाँकि, यह ऐतिहासिक रूप से योजना का एक प्रमुख लाभ था। वर्तमान में योजना के अन्य महत्वपूर्ण लाभ जैसे ड्यूटी छूट और ऑपरेशनल लचीलापन लागू हैं।

Q4: STP योजना के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया क्या है?
A4: STP योजना में पंजीकरण की प्रक्रिया निम्नलिखित है:

  1. STPI की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना।
  2. एक विस्तृत व्यवसाय योजना प्रस्ताव जमा करना।
  3. STPI द्वारा आवेदन की समीक्षा और मूल्यांकन।
  4. सफल मूल्यांकन के बाद STPI द्वारा ‘अनुमति पत्र’ (Letter of Approval – LOA) जारी किया जाना।

Q5: STP इकाई के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
A5: STP योजना के लिए पात्र होने के लिए, इकाई को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:

  • भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत एक कानूनी इकाई होना।
  • मुख्य व्यवसाय सॉफ्टवेयर विकास, आईटी/आईटीईएस सेवाओं का निर्यात होना।
  • निर्यात-उन्मुख होना और सकारात्मक Net Foreign Exchange (NFE) अर्जित करने का आश्वासन देना।

Q6: STP योजना और SEZ योजना में क्या अंतर है?
A6: STP योजना और SEZ (विशेष आर्थिक क्षेत्र) योजना के बीच मुख्य अंतर यह है कि सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (STP) योजना विशेष रूप से सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं के निर्यात पर केंद्रित है और इकाई देश में कहीं भी स्थापित की जा सकती है। वहीं, SEZ एक भौगोलिक रूप से विशिष्ट क्षेत्र है जो सभी प्रकार के व्यवसायों (विनिर्माण, सेवाएं, आदि) के निर्यात को बढ़ावा देता है और इसमें स्थानांतरण पर प्रतिबंध होता है।

Q7: STP इकाई के लिए अनुपालन आवश्यकताएं क्या हैं?
A7: STP इकाई को निम्नलिखित अनुपालन आवश्यकताओं का पालन करना होता है:

  • निर्यात दायित्व (Export Obligation): LOA में निर्धारित न्यूनतम निर्यात लक्ष्यों को पूरा करना।
  • SOFTEX फॉर्म: सभी सॉफ्टवेयर निर्यात लेनदेन की रिपोर्ट SOFTEX फॉर्म के माध्यम से करना।
  • रिपोर्टिंग: STPI को वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट (APR) और त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट (QPR) जमा करना।

Conclusion (निष्कर्ष)

Software Technology Park (STP) Scheme भारत के सॉफ्टवेयर उद्योग के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण योजना रही है। जो कंपनी इससे जुड़ती है, उन्हें सरकारी कागजी कार्यवाही में बहुत आसानी मिलती है और उन्हें मशीनें विदेश से आयात करने पर टैक्स में भी छूट मिलती है। इसके कारण छोटी कंपनियाँ और नए स्टार्टअप भी बिना ज्यादा खर्च के दुनिया में अपना सॉफ्टवेयर बेच पाते हैं।

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