
हमारे देश भारत में लोग सदियों से सोना पसंद करते आए हैं। पर असली सोना खरीदने में बहुत सी दिक्कतें भी होती हैं। जैसे कि, इसे सुरक्षित रखने की चिंता, चोरी का डर, और गहने बनवाते समय लगने वाले अलग चार्ज। इन सब समस्याओं का हल लेकर आई है भारत सरकार की एक खास योजना – Sovereign Gold Bond Scheme। सोचिए, क्या आप बिना सोना छुए, बिना उसे अपने पास रखे, सोने में निवेश कर सकते हैं? जी हाँ! सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यही करता है। यह एक डिजिटल तरीका है जिसमें आप सोना खरीदते हैं। आपके पास भौतिक सोना नहीं होता, लेकिन आपका पैसा सोने की कीमत से जुड़ा होता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसे भारत सरकार और आरबीआई चलाती हैं, इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित और भरोसेमंद है।
What is Sovereign Gold Bond Scheme (सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड क्या है?)
सोना खरीदना किसे पसंद नहीं होता? लेकिन असली सोना खरीदने में कई दिक्कतें होती हैं, जैसे उसे सुरक्षित रखना, चोरी का डर, और शुद्धता की चिंता।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड इन सभी समस्याओं का एक बेहतरीन समाधान है। इसे हिंदी में ‘प्रभुसत्ता सम्पन्न स्वर्ण बॉन्ड’ कहते हैं।
- यह कागज का सोना है: आप असली सोना नहीं खरीदते, बल्कि सोने का एक ‘कागज’ (बॉन्ड) खरीदते हैं।
- सरकार की गारंटी: यह कागज भारत सरकार देती है, इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित है।
- सोने की कीमत के साथ बढ़ता है: जब बाजार में सोने की कीमत बढ़ती है, तो आपके इस ‘कागज’ की कीमत भी बढ़ जाती है।
Key Features of Sovereign Gold Bond Scheme (सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के प्रमुख फीचर्स)
आइए सरल भाषा में समझते हैं कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond Scheme) की क्या-क्या खास बातें हैं:
- सरकार द्वारा जारी (Government Issued)
- यह भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है, इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित और भरोसेमंद है।
- यह आपकी जमा पूंजी पर सरकार की गारंटी जैसा है।
- निवेश सोने में, पर सोना घर नहीं (Investment in Gold, Without Physical Gold)
- आप सोने में निवेश तो करते हैं, लेकिन आपको भौतिक सोना (जेवर या सिक्के) नहीं मिलता।
- आपका निवेश एक कागज (या डिजिटल प्रमाणपत्र) के रूप में दर्ज होता है, जिससे चोरी या खोने का डर नहीं रहता।
- न्यूनतम निवेश (Minimum Investment)
- आप सिर्फ 1 ग्राम सोना खरीदकर भी निवेश शुरू कर सकते हैं।
- अच्छी कमाई (Good Earnings)
- सोने की कीमत बढ़ने का फायदा तो मिलता ही है, साथ ही सरकार आपको हर साल 2.5% का अतिरिक्त ब्याज भी देती है।
- यह ब्याज साल में दो बार आपके बैंक खाते में आ जाता है।
- लंबी अवधि (Long Term)
- यह बॉन्ड 8 साल के लिए होता है।
- इसका मतलब है कि आपको अपना पैसा लंबे समय तक के लिए निवेश करना होता है।
- जरूरत पड़ने पर पैसे निकाल सकते हैं (Money Available When Needed)
- अगर आपको 8 साल से पहले पैसे की जरूरत पड़े, तो आप 5 साल बाद इसे भुना सकते हैं।
- शेयर बाजार में खरीद-बिक्री (Buy-Sell in Stock Market)
- अगर आप जल्दी में हैं, तो इसे शेयर बाजार (जैसे NSE या BSE) में किसी दूसरे निवेशक को बेच भी सकते हैं।
- लोन लेने में मददगार (Helpful in Taking Loan)
- अगर आपको पैसे की जरूरत है, तो आप इस बॉन्ड को गिरवी रखकर बैंक से लोन भी ले सकते हैं।
- टैक्स में फायदा (Tax Benefit)
- अगर आप पूरे 8 साल तक बॉन्ड को रखते हैं, तो मैच्योरिटी पर मिलने वाले मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं लगता।

Advantages of Sovereign Gold Bond Scheme (सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फायदे)
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में निवेश करने के कई बढ़िया फायदे हैं। आइए उन्हें आसान भाषा में समझते हैं:
- पूरी तरह सुरक्षित (Safe & Secure)
- यह भारत सरकार द्वारा चलाई गई योजना है।
- आपके निवेश पर सरकार की मुहर लगी होती है, इसलिए यह बिल्कुल सुरक्षित है।
- सोने पर ब्याज का बोनस (Extra Interest on Your Gold)
- असली सोना तो रखने पर कोई ब्याज नहीं मिलता।
- लेकिन SGB में आपको सोने की कीमत बढ़ने के साथ-साथ सालाना 2.5% ब्याज भी मिलता है जो हर 6 महीने में आपके बैंक खाते में आ जाता है।
- टैक्स में छूट (Tax Benefits)
- अगर आप बॉन्ड को पूरे 8 साल तक रखते हैं, तो मैच्योरिटी पर मिलने वाले पूरे मुनाफे पर आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।
- (ध्यान रहे: ब्याज की कमाई पर टैक्स लग सकता है।)
- सोने की चिंता खत्म (No Tension of Physical Gold)
- न तो सोना सुरक्षित रखने की चिंता।
- न ही सोना गुम होने या चोरी होने का डर।
- सोने की शुद्धता (purity) की भी कोई चिंता नहीं।
- कोई मेकिंग चार्ज या लॉकर का खर्चा नहीं।
- आसानी से बेचा जा सकता है (Easy to Sell)
- अगर आपको पैसों की जरूरत पड़े, तो आप इसे शेयर बाजार (Stock Exchange) में आसानी से बेच सकते हैं।
- 5 साल बाद आप इसे सीधे RBI के पास भी भुनवा सकते हैं।
- लोन लेने में काम आता है (Useful for Taking Loans)
- जरूरत पड़ने पर आप इस बॉन्ड को गिरवी रखकर बैंक से लोन भी ले सकते हैं।
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How to Invest in Sovereign Gold Bond Scheme (सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश कैसे करें?)
सोने में पैसा लगाने का सोच रहे हैं? सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond Scheme) इसका एक शानदार और आसान तरीका हो सकता है। यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है। आइए, समझते हैं कि इसमें निवेश कैसे करते हैं।
निवेश के चार आसान तरीके
आप इन चार जगहों से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं:
- आपका बैंक: ज्यादातर बड़े बैंक (जैसे SBI, ICICI, HDFC) इस योजना में हिस्सा लेते हैं।
- डाकघर: आप अपने नजदीकी डाकघर से भी इसे खरीद सकते हैं।
- शेयर बाजार: आप NSE या BSE जैसे शेयर बाजारों के जरिए भी SGB में निवेश कर सकते हैं।
- एजेंट: कुछ अधिकृत एजेंट, जैसे SHCIL, भी इसे बेचते हैं।
ऑनलाइन आवेदन करने के चरण
मान लीजिए आप अपने बैंक की वेबसाइ या ऐप के जरिए आवेदन करना चाहते हैं। इसकी प्रक्रिया बहुत ही सरल है:
स्टेप 1: लॉग इन करें
* अपने बैंक के इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल ऐप में अपने यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉग इन करें।
स्टेप 2: “SGB” का विकल्प ढूंढें
* होमपेज पर “इन्वेस्टमेंट” (निवेश), “सर्विसेज” (सेवाएं) या “ई-सर्विसेज” का सेक्शन देखें।
* वहां आपको “सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड” या “SGB” का विकल्प मिल जाएगा। उस पर क्लिक करें।
स्टेप 3: फॉर्म भरें
* एक आवेदन फॉर्म खुलेगा। इसमें आपसे कुछ जानकारियां मांगी जाएंगी, जैसे:
* आप कितने ग्राम सोना खरीदना चाहते हैं? (याद रखें, कम से कम 1 ग्राम जरूर खरीदना होता है)।
* आपका पैन नंबर (यह जरूरी है)।
* नॉमिनी का नाम (यानी आपके बाद इस बॉन्ड के पैसे किसे मिलेंगे)।
स्टेप 4: भुगतान करें और पुष्टि करें
* फॉर्म जमा करने के बाद, आपसे भुगतान करने को कहा जाएगा।
* भुगतान हो जाने के बाद, आपको एक पुष्टिकरण संदेश (SMS या ईमेल) मिल जाएगा।
* कभी-कभी सुरक्षा के लिए OTP (एक बार की पासवर्ड) भी डालनी पड़ सकती है।
Tax Rules on Sovereign Gold Bond Scheme (सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड से जुड़े टैक्स के नियम)
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond Scheme) में निवेश करने पर दो तरह से आपको पैसा मिलता है। आइए, हर हिस्से के टैक्स नियमों को आसानी से समझें।
- सालाना ब्याज पर टैक्स (Tax on Yearly Interest)
- आप कमाते क्या हैं? आपके निवेश पर सरकार हर साल 2.5% का ब्याज देती है। यह ब्याज साल में दो बार आपके बैंक खाते में आता है।
- टैक्स का नियम: इस ब्याज पर हमेशा टैक्स लगता है। इसे आपको अपनी सालाना आय में जोड़ना होगा।
- इसे ऐसे समझें: जैसे आपकी सैलरी या किराए की आमदनी पर टैक्स लगता है, वैसे ही इस ब्याज पर भी आपकी टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा।
- बॉन्ड बेचने या मैच्योर होने पर टैक्स (Tax on Selling the Bond or at Maturity)
जब आप अपना SGB बेचते हैं या 8 साल बाद उसकी मैच्योरिटी होती है, तो आपको मुनाफा हो सकता है। इस मुनाफे को ‘कैपिटल गेन’ कहते हैं और इस पर टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि आपने बॉन्ड को कितने समय तक रखा।
- A. लॉन्ग टर्म (दीर्घकालीन) – टैक्स में छूट!
- शर्त: अगर आप बॉन्ड को पूरे 8 साल तक रखते हैं।
- टैक्स का नियम: मैच्योरिटी पर जो भी मुनाफा होगा, उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। यह SGB का सबसे बड़ा फायदा है।
- B. शॉर्ट टर्म (अल्पकालीन) – टैक्स लगेगा
- शर्त: अगर आप बॉन्ड को शेयर बाजार (Stock Exchange) में 3 साल से पहले बेच देते हैं।
- टैक्स का नियम: इस पर आपकी सामान्य आय की तरह टैक्स लगेगा।
- C. समय से पहले भुनाना (Premature Redemption)
- शर्त: अगर आप बॉन्ड को 5वें साल के बाद (लेकिन 8 साल पूरे होने से पहले) RBI से भुनाते हैं।
- टैक्स का नियम: अगर भुनाने के समय तक बॉन्ड 3 साल से ज्यादा पुराना है, तो मुनाफा लॉन्ग टर्म माना जाएगा। लेकिन चूंकि आपने 8 साल पूरे नहीं किए, इसलिए टैक्स में छूट नहीं मिलेगी और मुनाफे पर 20% टैक्स लग सकता है।

FAQs for Sovereign Gold Bond Scheme (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) क्या है?
Sovereign Gold Bond Scheme भारत सरकार द्वारा जारी एक ऐसी वित्तीय सिक्योरिटी है, जिसका मूल्य सोने के बाजार भाव से जुड़ा होता है। यह भौतिक सोना खरीदे बिना, सोने में निवेश का एक डिजिटल और सुरक्षित तरीका है। - SGB में निवेश कैसे करें?
SGB में निवेश आरबीआई द्वारा अधिकृत कमर्शियल बैंकों, स्टॉक एक्सचेंजों (NSE/BSE), डाकघरों तथा SHCIL के माध्यम से किया जा सकता है। आप ऑनलाइन अपने बैंक की इंटरनेट बैंकिंग या ब्रोकर के प्लेटफॉर्म के जरिए आवेदन कर सकते हैं। - SGB में न्यूनतम निवेश कितना है?
SGB में निवेश की न्यूनतम सीमा 1 ग्राम सोने के बराबर है। - SGB की अवधि (Tenure) कितनी होती है?
SGB की कुल अवधि 8 वर्ष होती है। हालाँकि, निवेशकों को पाँचवें वर्ष के बाद बॉन्ड को भुनाने (Premature Redemption) का विकल्प मिलता है। - क्या SGB पर ब्याज (Interest) मिलता है?
हाँ, SGB पर निवेशकों को 2.50% प्रति वर्ष की दर से ब्याज मिलता है, जो हर छह महीने में देय होता है। यह ब्याज आपके बैंक खाते में सीधे जमा किया जाता है। - SGB पर टैक्स में क्या लाभ है?
यदि SGB को पूरी 8 साल की अवधि तक रखा जाए, तो मैच्योरिटी पर प्राप्त पूंजनीत लाभ (Capital Gains) पूरी तरह से टैक्स-मुक्त होता है। हालाँकि, ब्याज आय पर आयकर लागू होता है। - क्या SGB को समय से पहले बेचा जा सकता है?
हाँ, SGB को पाँचवें वर्ष के बाद आरबीआई द्वारा निर्धारित तिथियों पर भुनाया जा सकता है। इसके अलावा, इसे BSE या NSE जैसे स्टॉक एक्सचेंजों पर भी कभी भी बेचा जा सकता है। - क्या NRI SGB में निवेश कर सकते हैं?
नहीं, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना केवल भारत के निवासियों (Resident Indians) के लिए है। NRI इसके लिए पात्र नहीं हैं। - SGB और फिजिकल गोल्ड में क्या अंतर है?
SGB में भौतिक सोने की तुलना में सुरक्षा, शुद्धता और स्टोरेज की कोई चिंता नहीं होती। साथ ही, SGB पर अतिरिक्त ब्याज आय मिलती है और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स में छूट का लाभ भी मिलता है। - SGB का मूल्य कैसे तय होता है?
SGB का मूल्य भारत में 999 शुद्धता वाले सोने के बाजार भाव पर आधारित होता है। इश्यू प्राइस आरबीआई द्वारा इश्यू पीरियड से ठीक पहले घोषित की जाती है।
Conclusion (निष्कर्ष)
सोने में दीर्घकालिक निवेश के लिए Sovereign Gold Bond Scheme एक आदर्श योजना है। यह भौतिक सोने की सभी परेशानियों से मुक्त, पूरी तरह सुरक्षित और बेहतर रिटर्न देने वाला विकल्प है। इसके तहत आपको न सिर्फ सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का फायदा मिलता है, बल्कि अतिरिक्त ब्याज और टैक्स में छूट का लाभ भी मिलता है।